नाज ए वतन तुम पर हुआ है।... Desh bhakti poem in hindi, देश भक्ति कविता, happy independence day,

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Desh bhakti Poem in Hindi : 🙏 नमस्कार दोस्तों स्वागत हैं आपका हमारे Shayarisksid00 पेज पर। दोस्तों आज हम आपके लिए ले कर आए है। देश भक्ति हिंदी कविता, Desh bhakti poem in hindi, जैसे की हम सब जानते हैं कि हिंदी देश भक्ति पर कविता का हमारे जीवन में कितना महत्व है। और अगर कविता की बात करें तो उसमे Desh bhakti poem in hindi की बात नही हो तो कविता अधूरी सी लगती है क्यूंकि देश भक्ति पर बहुत ही देश भागती पर कविता लिखी गई है और बहुत कविता आगे भी लिखी जाएगी तो हम desh bhakati poem in hindi को तो भूल ही नहीं सकते आपने जीवन में ऐसे देश भक्ति पर कविता जिसमे हमारे देश के जवानों के बलिदान के बारे में लिखा होता है desh bhakti के बारे में लिखा होता है desh bhakti poem in hindi वीर रस की देश भक्ति पर कविता होती हैं जो कविता सुन के हमारा खून खोल उठता हैं। हमारे जवानों ने जो कुरबानी दी है हमारे देश के लिए उसको याद करते है। ऐसे ही desh bhakti poem in hindi, देश भक्ति पर कविता हम आपके लिए ले कर आए है आशा करते है आपको पसंद आयेगी और आपका प्यार,आशीर्वाद हम ऐसे ही मिलता रहें।
|| जय जवान जय किसान, जय हिंद ||

 

देशभक्ति पर कविताएँ ||Desh bhakti poem in hindi 



Poem on desh bhakti in hindi 



नाज ए वतन तुम पर हुआ है।...
आज दिल तिरंगे को छुआ है।....




कर गुजरने की इस चाहत में मैं कभी ना एक पल ठहरूंगा।
दिल बड़ा खुश है मिली इस राहत में आज फिर कफन को पहरूंगा।

जिंदगी गर नहीं
मौत का डर नहीं।
जलने वाला लहू का दिया है।

नाज ए वतन तुम पर हुआ है।...
आज दिल तिरंगे को छुआ है।....
ऊंचा रहे तेरा मान-सम्मान।....
जाते हुए मेरे दिल की दुआ है।.....

सरहद पे मेरी मुझे थाम लेना,
मैं मर जाऊं गर तो मेरा नाम लेकर मेरे घर जाना।
मेरी मां के आंचल में पैगाम देना।

सरहद पे मेरी मुझे थाम लेना,
मैं मर जाऊं गर तो रोना मत हंस के मुझे थाम लेना ।
मैं मर जाऊं गर तो मेरा नाम लेकर मेरे गांव जाना।
मेरी मां के आंचल में पैगाम देना।

किस्सा नहीं है दुखों का कोई ये जो रोते हुए तुम सुनाओ गे।
सीने में गोली थी खेली है होली यह हंसते हुए तुम भी गाओगे।

किस्सा नहीं है दुखों का कोई ये जो रोते हुए तुम सुनाओ गे।
सीने में गोली थी खेली है होली यह हंसते हुए तुम भी गाओगे।

तू मेरी मैं तेरा
मां यह कह दे जरा
गर आंचल में तूने मुझे ले लिया है।

नाज ए वतन तुम पर हुआ है।...
आज दिल तिरंगे को छुआ है।....
ऊंचा रहे तेरा मान-सम्मान।....
जाते हुए मेरे दिल की दुआ है।....

मैं तो चला तुम मुझे आग दो,
उठते जवानों को आवाज दो'
यह धरती तेरी है तेरा आसमां।
सलामत रहे ऐसी आगाज दो।

अपने लहू से कुछ तुम भी लिखो,
अधूरी कहानी को पूरा करो,
सर भी कटेंगे बहेगा लहू।
जान की बाजी लगाते रहो।

अपने लहू से कुछ तुम भी लिखो,
अधूरी कहानी को पूरा करो,
सर भी कटेंगे बहेगा लहू।
जान की बाजी लगाते रहो।

सांस भी ना रही
ना रही जान भी,
फिर भी मरते हुए सर कभी ना झुका है।

नाज ए वतन तुम पर हुआ है।...
आज दिल तिरंगे को छुआ है।....
ऊंचा रहे तेरा मान-सम्मान।....
जाते हुए मेरे दिल की दुआ है।.....

नाज ए वतन तुम पर हुआ है।...
आज दिल तिरंगे को छुआ है।....
ऊंचा रहे तेरा मान-सम्मान।....
जाते हुए मेरे दिल की दुआ है।.....

By. Arjun Khichar

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